लेखनी कहानी -07-Nov-2022 हमारी शुभकामनाएं (भाग -16)
हमारी शुभकामनाएं:-
भाई दूज:-
भाई दूज का त्योहार रक्षाबंधन की तरह बड़ा महत्व रखता है। यह त्योहार भाई और बहनों के अनोखे रिश्ते को मजबूत करता है। इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं, उनकी कलाई पर मौली बांधती हैं और फिर नारियल का गोला देती हैं। साथ ही बहन भाई के अच्छे स्वास्थ्य, लंबी उम्र और समृद्धि की कामना भी करती है। भाई भी अपनी बहन को हर बुराई से बचाने का वादा करते हैं। इस त्योहार को देश भर में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है। इसे पश्चिम बंगाल में भाई फोटा, महाराष्ट्र में भाऊ बीज, बिहार/झारखंड में गोधन कुटाई और दक्षिण भारत में यम द्वितीया के रूप में जाना जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, भाई दूज के दिन अगर भाई यमुना नदी में स्नान करते हैं, तो उन्हें यमराज के प्रकोप से मुक्ति भी मिलती है। वहीं पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भाई यमराज ने अपनी बहन यमुना को वरदान दिया था, जिसके बाद से कार्तिक शुक्ल द्वितीया को भाई दूज मनाया जाने लगा। तो आइए इस मौके पर जानें कि भाई दूज के दिन बहन भाई को नारियल का गोला क्यों देती हैं?भाई यम और बहन यमुना से संबंधित है यह रोचक किस्सा
पौराणिक कथाओं की मानें तो, यम यानी यमराज और उनकी बहन यमुना, भगवान सूर्य और संध्या के संतान थे। दोनों भाई-बहन में बहुत प्यार था। हालांकि, यमराज अपने काम में इतने व्यस्त रहते थे कि उनको यमुना के पास जाने का समय ही नहीं मिलता था। लंबे समय तक जब यम नहीं मिले, तो बहन यमुना नाराज़ हो गईं। एक दिन भाई यमराज अचानक अपनी बहन यमुना से मिलने पहुंच गए। भाई को सामने देख यमुना बेहद खुश हो गईं। उस दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया थी।
यमुना ने भाई यम का खूब सत्कार किया, उनको विदा के समय एक नारियल भेंट किया। जब यम ने पूछा कि नारियल क्यों? तो यमुना ने कहा कि यह नारियल आपको मेरी याद दिलाता रहेगा।
इसके बाद यमुना ने अपने भाई से वचन लिया कि चाहे वे कितने भी व्यस्त क्यों न हो, कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यानी भैया दूज को मिलने अवश्य आएंगे। यमराज ने बहन को आश्वासन दिया। माना जाता है कि तभी से भाई दूज के दिन भाई अपनी विवाहित बहन के घर टीका कराने जाते हैं और बहन अपने भाई को नारियल का गोला भेंट में देती है।
इसी प्रकार भूमिका भी उसके भाई के सदैव भाई दूज पर तिलक करके नारियल और दक्षिणा देती है। बदले में उस्काभाई उसे कुछ उपहार भेंट स्वरूप देता है। इस बार भी भूमिका ने भाई को टीका लगाया और नारियल दक्षिणा भेंट में दी। परंतु, जब मां ने भाई से अपनी बहन को कुछ उपहार भेंट करने को कहा तो, वह वह इधर उधर कुछ ढूंढते हुए बोला कि वह तो उपहार गलती से दुकान पर ही भूल आया।
जैसे ही भाई उपहार लाने बाज़ार जाने को हुआ भूमिका ने भाई को यह कहकर रोक दिया की भैया कोई बात नहीं उसके लिए तो भाई का उससे मिलने आना ही बड़ी बात है। परंतु, भाई कहां मानने को तैयार था। दोनों बहस कर ही रहे थे कि इतने में दरवाज़े की घंटी बजी। मां ने जब दरवाज़ा खोला तो सामने एक व्यक्ति कुछ रंगीन कागज़ में लेकर खड़ा था और भूमिका के भाई के विषय में पूछ रहा था।
मां ने भाई को बुलाया भाई उस व्यक्ति को देखकर खुशी से उछल पड़ा क्योंकि वह उसी की बहन का उपहार लेकर अयथा जिसे उसका भाई दुकान पर भूल आया था। पूछने पर उस व्यक्ति ने कहा आज भाई दूज के दिन किसी की बहन तक उसका उपहार पहुंचाना उसके लिए सौभाग्य की बात है। उस व्यक्ति की कोई बहन नहीं थी, जब भूमिका को यह पता चला तो उसने उस व्यक्ति को भीतर बुलाकर उसके तिलक कर उसे भी भेंट में नारियल और दक्षिणा दी। अतः उस व्यक्ति ने उसे उपहार दिया और देर सारा आशीर्वाद भी। मां ने सभी को भोजन करवाया। आज भूमिका और भी ज़्यादा प्रसन्न थी क्योंकि उसे एक भाई और मिल गया था।
#30 days फेस्टिवल / रिचुअल कम्पटीशन
Gunjan Kamal
17-Nov-2022 02:22 PM
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 🙏🏻🙏🏻
Reply
Swati Sharma
17-Nov-2022 03:14 PM
आपका हार्दिक आभार एवम अभिनंदन 🙏🏻😇
Reply
Rafael Swann
14-Nov-2022 11:52 PM
Prashansaniya prastuti 👏🌹
Reply
Swati Sharma
15-Nov-2022 09:09 AM
Thank you 🙏🏻😊
Reply
Supriya Pathak
12-Nov-2022 12:37 AM
Nice 💐🌸🙏
Reply
Swati Sharma
12-Nov-2022 10:48 AM
Thanks
Reply